1- क्या आपने कभी देखा कि आपका बच्चा नीला पड़ गया है ?
बच्चे के शरीर का नीला पड़ जाना दिल की बीमारी का एक बड़ा संकेत होता है. ऐसे बच्चों को हमेशा दिल की गंभीर बीमारी रहती है. जितनी जल्दी बच्चे के शरीर पर नीलापन दिखाई देता है, लीजिए बच्चे को दिल की उतनी ही गंभीर बीमारी है. नीलापन बढ़ने के साथ सांस तेज व गहरा हो जाना भी बीमारी के संकेत होते हैं, इसे ह्यसायनोटिक स्पेल्स कहा जाता है. इसके कारण शिशु के अंदर लंगड़ापन, ऐंठन या बेहोशी भी हो सकती है. अगर 'सायनोटिक स्पेल्स' के संकेत देने वाली कोई हिस्ट्री रही है, तो बच्चे को जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाने की जरूरत परेशानी को बीमारी से जोड़कर देखा है।
2- क्या आपके बच्चे को बार-बार चेस्ट इंफेक्शन होता है ?
अगर बच्चे को बार-बार चेस्ट इंफेक्शन होता है ये दिल की बीमारी का संकेत हो सकता है. हालांकि, सर्दी होना या हल्की खांसी अगर बच्चे को हो, तो ये दिल से जुड़ी बीमारियों के लक्षण नहीं होते हैं. चेस्ट इंफेक्शन में आमतौर पर बुखार होता है, तेज सांसें चलती हैं और बच्चे को ठीक होने के लिए एंटीबायोटिक की जरूरत पड़ती है. अगर साल में एक बार से ज्यादा लोअर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन होता है तो ये जन्मजात हृदय रोग का संकेत हो जन्मजात हृदय रोग का संकेत हो सकता है।
3- क्या आपके बच्चे को फीडिंग में कोई समस्या आती है ?
अगर बच्चा एक बार में ही मां का दूध नहीं पी पा रहा है, खासकर अगर उस वक्त पसीना हो तो ये जन्मजात हृदय रोग का शुरूआती संकेत हो सकता है. बच्चा पांच मिनट तक स्तन से दूध नहीं पी सकता है और इस दौरान अगर उसकी सांस फूल जाती है तो फीडिंग की इस परेशानी को बीमारी से जोड़कर देखा सकता है. दूध पीने के दौरान अगर बच्चे को अधिक पसीना आता है और वो कम मात्रा में दूध पीकर रुक जाता है तो ये भी सही नहीं है. बोतल से दूध पिलाना असामान्य नहीं है. बोतल से दूध पिलाने पर दूध पिलाने का पैटर्न और वजन बढ़ना बेहतर हो जाता है क्योंकि बोतल को चूसने के लिए कम मेहनत की जरूरत होती है।
4- सही स्पीड से वजन न बढ़ना
जन्मजात हृदय रोग वाले शिशुओं में खराब फीडिंग पैटर्न होता है और उनका वजन ठीक रेट से नहीं बढ़ता है. हृदय से जुड़ी समस्याओं के चलते शिशु का मेटाबोलिक रेट बढ़ जाता है, और उसे ज्यादा कैलोरी की जरूरत पड़ती है. लेकिन फीडिंग की गलत आदत के चलते वो ठीक से दूध नहीं पी पाते और इससे उनका वजन ठीक से नहीं बढ़ पाता है. इसके अलावा, बार-बार चेस्ट के संक्रमण से वजन में और कमी आती है।
5- क्या आपने देखा है कि आपका बच्चा खेलते समय अपने हमउम्र बच्चों के साथ तालमेल नहीं बिठा पाता है।
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