सांस के मरीजों के मरीजों के लिए लाइफ सेवर बन रहा वीवी ईसीएमओ

सांस के मरीजों के मरीजों के लिए लाइफ सेवर बन रहा वीवी ईसीएमओ

रोहतक। रेस्पिरेटरी फेल्योर यानी सांस की समस्या एक ऐसी चुनौती है जिसमें परंपरागत तरीकों से आगे बढ़कर एडवांस तरीकों से इलाज की जरूरत होती है. इस क्षेत्र में कई तरह की नई मेडिकल तकनीक भी आ रही हैं, उन्हीं में एक है वीनो- वीनस एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (वीवी ईसीएमओ) जिसने फेफड़ों की रिकवरी के लिए उम्मीद की नई किरण दी है. वीवी ईसीएमओ के जरिए सांस की समस्याओं को मैनेज करने के बारे लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम के डॉक्टरों ने एक जनसभा आयोजित की. इसमें रेस्पिरेटरी फेल्योर के मामले में वीवी ईसीएमओ तकनीक से इलाज के प्रभाव, मरीज के चयन का क्राइटेरिया,जटिलाताएं, रिजल्ट और फ्यूचर की चीजों को लेकर जानकारी दी गई.

फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम में क्रिटिकल केयर मेडिसिन के डायरेक्टर व एचओडी डॉक्टर संदीप दीवान ने रेस्पिरेटरी फेल्योर के मामले में वीवी ईसीएमओ के महत्वपूर्ण रोल के बारे में जानकारी दी. वीवी ईसीएमओ के ट्रांसफॉर्मेटिव असर के बारे में फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम में क्रिटिकल केयर मेडिसिन के डायरेक्टर व एचओडी डॉक्टर संदीप दीवान ने बताया, क्रिटिकल केयर के मामले में वीनो- वीनस ईसीएमओ उम्मीद की एक किरण है जो सांस की गंभीर समस्याओं से जूझने वाले मरीजों को जीवन प्रदान करती है. फेफड़ों की रिकवरी के दौरान ये तकनीक मरीज को अस्थायी सपोर्ट देती है और ये एक गेमचेंजर की तरह मरीजों के काम आ रही है.


सांस की गंभीर समस्या से जूझ रहे मरीजों में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड को लेकर सुधार करने में कई स्टडी में वीवी ईसीएमओ के प्रभाव को बताया गया है. एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस), न्यूमोनिया और पल्मोनरी एम्बोलिज्म के मामले में वीवी ईसीएमओ काफी काम आ रहा है. वीवी ईसीएमओ लंग ट्रांसप्लांटेशन या लंग रिकवरी में एक ब्रिज की तरह काम करता है और जहां जिन मामलों में पुराने वेंटिलेशन सपोर्ट फेल हो जाते हैं। उनमें ये जीवन रक्षक की भूमिका निभाता है.

डॉक्टर संदीप ने आगे बताया, वीवी ईसीएमओ के जरिए अच्छे रिजल्ट पाने की आधारशिला मरीजों का चयन है. मरीजों की रेस्पिरेटरी कंडीशन की गंभीरता को देखते हुए उसका मूल्यांकन किया जाता है और मल्टी- ऑर्गन फेल्योर जैसी स्थितियों को भी देखा-परखा जाता है. ईसीएमओ थेरेपी के जरिए मरीज के लिए अच्छे रिजल्ट लाने में एक मल्टी- डिसिप्लिनरी टीम का रोल बेहद अहम होता है क्योंकि इसमें बहुत ही क्लोज मॉनिटरिंग की जरूरत पड़ती है. रेस्पिरेटरी फेल्योर के मामले में वीवी ईसीएमओ से आने वाले रिजल्ट का परिदृश्य बहुआयामी है।